सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ के द्वारा एआई वकील से भारत में मौत की सजा को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब सुनकर CJI भी लाजवाब रह गए।
सुप्रीम कोर्ट में National Judicial Museum and Archive ( NJAM) का उद्घाटन किया गया। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने AI वकील से सवाल किया कि क्या भारत में मौत की सजा संवैधानिक है ? इस सवाल के जवाब में जब AI वकील ने कहा की हाँ भारत में मौत की सजा संवैधानिक है। इसका प्रावधान उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित दुर्लभतम मामलों के लिए है। वैसे अपराध जो असाधारण रूप से जघन्य हैं उन मामलों में ऐसी सजा दी जाती है।
जिस वक्त सीजेआई ने AI वकील से सवाल किया, उस वक्त एआई वकील अपनी ड्रेस काला कोट पहने हुए खड़ा था। सवाल सुनकर सोचने के भाव बनाते हुए कुछ देर में हाथ खोलकर जवाब देते हुए कहा कि हाँ। इस दौरान उसका अंदाज बिलकुल बहस करने वाला था। आगे एआई वकील ने कहा कि हाँ यह संवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार कुछेक विशेष मामलों में दिया जाता है। वह भी तब जब अपराध अत्यंत जघन्य और घृणित हों।
AI वकील का जवाब सुनकर सीजेआई के चेहरे पर भी मुस्कान आ गयी
पहली बार ऐसे वाकये को देखकर सीजेआई के अलावा उपस्थित अन्य न्यायाधीश भी मुस्कुराते हुए दिखे। नेशनल ज्यूडिशियल म्यूजियम एन्ड आर्काइव में उपस्थित अन्य न्यायाधीश ने इस संवाद को पहली बार देखा तो उनहोने भी मुस्कुरा कर प्रतिक्रिया दी।
CJI ने कहा – म्यूजियम सबके लिए है
सीजेआई NJAM का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस म्यूजियम से सुप्रीम कोर्ट के कैरेक्टर और उसके महत्त्व को समझा जा सकता है।
सीजेआई ने कहा कि मैं चाहता हूँ म्यूजियम संवाद का स्थान बने जहाँ युवा पीढ़ी लगातार यहां आती रहे।
उन्होंने कहा कि वकीलों और जजों के अलावा भी आम लोग और स्कूल-कॉलेज के बच्चों को भी यहां आना चाहिए जिससे उन्हें भी यहां के कामों एवं महत्व का अनुभव मिलेगा।
सीजेआई ने कहा कि इस म्यूजियम को जज सेंट्रिक न माना जाए। म्यूजियम में संविधान सभा से सम्बंधित चीजें भी है। और बार के सदस्यों से जुडी चीजें भी रखी गयी हैं।
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