साल 2024 के Physics के NOBEL PRIZE का ऐलान हो गया है। मशीनों में सोचने की समझ विकसित करने वाले Geoffrey Hinton और John Hopefield को दिया गया है। AI के Godfather को Artificial Neurons पर आधारित Machine Learning से जुड़ी विभिन्न तकनीकों के विकास के लिए ये सम्मान मिला है।
Machine Learning में मशीनों को इंसानी दिमाग की ही तरह समझ विकसित की जाती है। ताकि वे इंसानों की तरह ही सोच सकें। Jeffrey को मशीन लर्निंग के लिए NOBEL PRIZE मिला है। लेकिन उन्होंने इसके विकसित रूप Artificial Intelligence को मानवता के लिए खतरा बताया है। इसीलिए 2023 में उन्होंने Google से इस्तीफा दे दिया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स को इंटरव्यू के दौरान उनका कहना था कि –
AI से बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म हो जाएंगी। समाज में गलत सूचनाएं तेजी से फैलेंगी, जिसे रोक पाना संभव नहीं होगा।
आइंस्टीन के जैसे ही जैफ्री ने AI तक पहुॅंचाने के लिए अफसोस जताया है। इसके लिए वे खुद को जिम्मेदार मानते हैं।
वहीं दूसरी ओर Nobel Prize कमिटी का कहना है कि दुनिया को नये नजरिये से देखने के लिए दोनो वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर का नया इस्तेमाल सिखाया है।
रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंस चुनती है फिजिक्स के Nobel Prize का विजेता
आपको बता दें कि, भौतिकी के क्षेत्र में इस प्रतिष्ठित पुरुस्कार का विजेता चुनने के लिए रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज के द्वारा नोबेल कमिटी के सदस्य नियुक्त किये जाते हैं। यह अकेडमी 1739 में अस्तित्व में आई। एवं 1901 से इस कमिटी के द्वारा Nobel Prize प्रदान किये जा रहे हैं। 1921 से 2023 तक फिजिक्स में कुल 119 नोबेल प्राइज दिए गए हैं। अल्फ्रेड की वसीयत के अनुसार यह उन्हीं लोगों को दिया जाता है, जिसने फिजिक्स के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण खोज या आविष्कार किया हो।
भौतिकी के क्षेत्र में मिलने वाले इस प्रतिष्ठित पुरुस्कार Nobel Prize की शुरुआत की कहानी
अल्फ्रेड नोबेल ने जब अपने वसीयत पर 27 नवम्बर 1895 को दस्तखत किये तो उसके सबसे बड़े हिस्से को नोबेल पुरस्कार के नाम किया। Nobel Prize फिजियोलॉजी, मेडिसिन, फिजिक्स, केमिस्ट्री, साहित्य, शांति एवं आर्थिक विज्ञान के क्षेत्र में दिया जाने लगा है।