भारत के पहले PM Nehru से जुडी तमाम ऐतिहासिक वस्तुओं, लेखनों एवं अन्य विरासत को बौद्धिक वर्ग एवं इतिहाकारों के लिए सुविधाजनक तरीके से उपलब्ध कराने के लिए इसका Digital संग्रह किया जायेगा। यह घोषणा जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड (JNMF) के द्वारा की गयी। जिसमें बताया गया है कि अगले साल नेहरू की जन्म जयंती पर इसको लाइव किया जायेगा।
पत्रकारों के सवालों के जवाब में JNMF के ट्रस्टी एवं Congress के महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि यह संग्रह Jawahar Lal Nehru के ऊपर झूठे आख्यानों , प्रचार का मुकाबला करने के लिए नहीं बनाया जा रहा है। यह एक राजनीतिक अभ्यास न होकर बौद्धिक अभ्यास है। संग्रह का विचार Nehru और उनके समकालीनों पर सभी प्रामाणिक और मूल सामग्री को सामने लाना है। हम किसी भी टुकड़े को कमीशन नहीं कर रहे हैं या कुछ भी व्याख्या नहीं कर रहे हैं
JNMF के अनुसार यह उन लोगों को सुविधा देने के लिए बनाया जा रहा है जो Nehru के बारे में शोध करने, अध्ययन करने के इच्छुक हैं , उनके लिए सारी सामग्री एक ही जगह मिल जाएगी। यह एक ऐसी व्यवस्था है जिससे स्कॉलरशिप और जानकारीपूर्ण बहस करने में सहायक सिद्ध होगा।
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क्या रहेगा आर्काइव में
शुरूआती तौर पर Nehru आर्काइव में नेहरू कि चयनित कृतियाँ के 100 खंड, 1947 से 1964 तक मुख्यमंत्रियों को लिखे उनके पत्र तथा पिता के पत्र पुत्री के नाम, विश्व इतिहास की झलक, एक आत्मकथा, भारत की एकता भारत की खोज, पुराने पत्रों का एक समूह और उनकी कम चर्चित रचनाओं जैसी प्रकाशित पुस्तकें एक ही मंच पर लाई जाएँगी।
इस संकलन में नेहरू के 1917 से 1964 तक के भाषण, उस दौरान उन पर लिखे हुए लेख, ग्लोबल आर्काइव से उनसे सम्बंधित सामग्री और कम चर्चा में रहे प्रकाशित और अप्रकाशित लेख भी शामिल रहेंगे।
यह Multimedia संग्रह अमेरिका स्थित विल्सन सेंटर की तर्ज पर बनाया जा रहा है।
जयराम रमेश के अनुसार यह एक ऐसी जगह है कि जहाँ आसानी से जानकारी डाउनलोड, क्रॉस रेफेरेंस कर सके।