
बीजद (BJD) नेताओं ने कहा कि स्वतंत्र ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए
नई दिल्ली, 12 मार्च: बीजू जनता दल (BJD) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और चुनावी प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की। बीजद ने आयोग से स्वतंत्र ऑडिट की मांग की और सुझाव दिया कि चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) या स्वतंत्र लेखा परीक्षकों द्वारा ऑडिट किया जाना चाहिए।
निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग
बीजद (BJD) नेताओं ने कहा कि स्वतंत्र ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता का विश्वास बना रहे। उन्होंने सुझाव दिया कि कई देशों की तर्ज पर भारत में भी चुनावी प्रक्रिया की सह-निगरानी के लिए नागरिक समूहों को शामिल करने का तंत्र विकसित किया जाना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से आग्रह किया कि बूथ स्तर पर मतदान और मतगणना के दौरान समवर्ती ऑडिट की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा, उन्नत मतगणना मशीनों के जरिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम में दर्ज मतों से मिलान करने की सिफारिश भी की।
BJD ने की फॉर्म-17सी की प्रतियां उपलब्ध कराने की मांग
बीजद ने आरोप लगाया कि ओडिशा के कई मतदान केंद्रों पर फॉर्म-17सी की प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई गईं। उन्होंने सुझाव दिया कि किसी भी नागरिक को निर्धारित शुल्क के भुगतान पर 30 दिनों के भीतर फॉर्म-17सी भाग एक और दो तथा सभी वीवीपैट पर्चियों की प्रतियां उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
Following the non-receipt of reply from Election Commission to the earlier Memorandum, Biju Janata Dal has reiterated the demand of a periodic process audit of the entire election by independent auditors or the #CAG. A delegation of the party reiterated its submission and sought… pic.twitter.com/VQBCSwrz5P
— Biju Janata Dal (@bjd_odisha) March 12, 2025
चुनावी गड़बड़ियों को लेकर विपक्षी दलों से सहमति
बीजद नेताओं ने कहा कि वे विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों से सहमत हैं और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुधार की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए मतदाता सूची में गड़बड़ी और ईपीआईसी (EPIC) नंबरों की दोहराव की समस्या को उठाया था।
ओडिशा चुनाव में असामान्य मतदान अंतर पर सवाल
बीजद ने दावा किया कि 2024 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में ओडिशा में मतदान के आंकड़ों में असामान्य अंतर देखा गया। पार्टी ने कहा कि राज्य के सभी 21 संसदीय क्षेत्रों में मतदान संख्याओं में विसंगतियां पाई गईं, जबकि राज्य विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ हुए थे।
उदाहरण के लिए:
- ढेंकानाल में मतों की संख्या में 4,056 का अंतर पाया गया।
- कंधमाल में यह अंतर 3,521 था।
- बलांगीर में 2,701 वोटों की विसंगति दर्ज की गई।
बीजेपी और टीएमसी ने भी उठाए सवाल
भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी निर्वाचन आयोग में ज्ञापन देकर मतदाता सूची में कथित हेरफेर की शिकायत की है। टीएमसी ने दावा किया कि कई मतदाताओं को एक ही ईपीआईसी नंबर के साथ पहचान पत्र जारी किए गए, जिससे मतदाता सूची में गड़बड़ी हुई।
टीएमसी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार से मुलाकात कर यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया स्पष्ट नहीं की गई थी। वहीं, बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची में हेरफेर और अवैध मतदाताओं के जोड़ने का आरोप लगाया।
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निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया
निर्वाचन आयोग ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु के भारतीय नागरिक ही मतदाता के रूप में पंजीकृत हो सकते हैं और किसी भी तरह की विसंगतियों को बूथ स्तर के अधिकारी और संबंधित निर्वाचन अधिकारी ही हल करेंगे। आयोग ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट भी इस प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।
क्या पारदर्शी होगी चुनावी प्रक्रिया?
BJD, टीएमसी और बीजेपी सहित कई राजनीतिक दलों की शिकायतों के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या निर्वाचन आयोग इन मांगों को स्वीकार करता है और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाता है या नहीं। विपक्षी दलों की शिकायतों ने भारतीय चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
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