भारतीय Innovator, Education Reformer सोनम वांगचुक कल दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस स्टेशन में अनशन पर बैठ गए हैं। मामला हाईकोर्ट पहुँच चुका है, सुनवाई की तारीख 3 अक्टूबर है।
आखिर मामला क्या है?
Leh Apex Body और Kargil Democratic Alliance पिछले 4 साल से लद्दाख को Statehood दिलाने की मांग कर रहे हैं, सोशल एक्टिविस्ट Sonam Wangchuk ने एक महीने पहले अपने 120 साथियों के साथ लेह से दिल्ली में महात्मा गॉंधी की समाधि तक लगभग 700 किमी की पदयात्रा शुरू की थी जिसका नाम दिल्ली चलो पदयात्रा रखा है।
Sonam Wangchuk ने इस मार्च के लिए मोदी और अमित शाह को भी ईमेल भेजकर अनुमति मांगी थी। दिल्ली में 5 अक्टूबर तक धारा 163 लागू होने का हवाला देकर पुलिस ने इन्हें वापिस जाने को कहा। पुलिस की बात न मानने के बाद लोगों को हिरासत में लिया गया। मंगलवार को यह मामला हाईकोर्ट में पहुँच गया, जिसमें वांगचुक की रिहाई की अपील की गयी है।
हिरासत में लिए जाने के बाद वांगचुक ने एक वीडियो बनाया जिसमें वे पुलिस वैन में बैठे दिख रहे हैं।
I AM BEING DETAINED…
along with 150 padyatris
at Delhi Border, by a police force of 100s some say 1,000.
Many elderly men & women in their 80s and few dozen Army veterans…
Our fate is unknown.
We were on a most peaceful march to Bapu’s Samadhi… in the largest democracy… pic.twitter.com/iPZOJE5uuM— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) September 30, 2024
Credit-Sonam Wangchuk on X
Sonam Wangchuk द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किये गए इस वीडियो में उन्होंने कहा कि – मुझे दिल्ली की बॉर्डर पर डिटेन किया गया है। कुछ लोग कह रहे हैं कि यहां 1,000 पुलिसवाले हैं। हमारे साथ कई बुजुर्ग हैं। हमारे भाग्य क्या लिखा है, हमें नहीं पता। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और लोकतंत्र की जननी में बापू की समाधि तक शांतिपूर्ण मार्च पर थे। हे राम।
बात हाईकोर्ट तक पहुँची, लेकिन वांगचुक को वकील से मिलने की अनुमति नहीं
एक तरफ खबर है कि मामला हाईकोर्ट के संज्ञान में आने की बाद कोर्ट ने तारीख भी दे दी है। वहीं सूत्रों के अनुसार वांगचुक को वकीलों से नहीं मिलने दिया जा रहा है इसलिए उनके समर्थकों ने भी अनशन शुरू कर दिया है।
लद्दाख सांसद भी हिरासत में : बोले- महिलाओं को पुरुषों के साथ रखा गया-
सोमवार देर रात को Sonam Wangchuk को हिरासत में लिए जाने के बाद सिंघु बॉर्डर पर लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा जान पहुंचे। सांसद हनीफा को भी मंगलवार को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा- पुलिस ने 30 महिलाओं को भी हिरासत में लिया है।
उन्हें पुरुषों के साथ रखा गया है। सांसद ने कहा कि हर कोई जानता है कि लद्दाख पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार के साथ कैसे बातचीत कर रहा है। पिछले 3 सालों से हम अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक लड़ रहे थे। इसके लिए हमने सरकार से बातचीत भी की थी, लेकिन चुनाव और नई सरकार के गठन के बाद उन्होंने बातचीत बंद कर दी।
वांगचुक की हिरासत से गरमाई देश की सियासत।
Rahul Gandhi: पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे Sonam Wangchuk जी और सैकड़ों लद्दाखियों की हिरासत में लेना सही है। लद्दाख के भविष्य के लिए खड़े होने वाले बुजुर्ग नागरिकों को दिल्ली की सीमा पर हिरासत में क्यों लिया जा रहा है? मोदी जी, किसान बिलकी तरह ये चक्रव्यूह और आपका अहंकार टूटेगा। आपको लद्दाख की आवाज सुननी होगी।
The detention of Sonam Wangchuk ji and hundreds of Ladakhis peacefully marching for environmental and constitutional rights is unacceptable.
Why are elderly citizens being detained at Delhi’s border for standing up for Ladakh’s future?
Modi ji, like with the farmers, this…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 30, 2024
K C Venugopal: मुझे समझ नहीं आ रहा है कि सरकार किस तरह से काम कर रही है। Sonam Wangchuk लद्दाख के बहुत सम्मानित व्यक्ति हैं। पूरे भारत में लोग उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने लद्दाख से राजघाट तक शांतिपूर्ण मार्च की योजना बनाई। उनके साथ कई कांग्रेस नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है। वे अपने वैध अधिकारों की मांग कर रहे हैं।
A day before Gandhi Jayanti, the Government of India is out to kill his ideals once again.
The arrest of Sonam wangchuk ji shows the government is scared of anyone who speaks up for their rights.
Ladakh has been silenced, stripped of its democratic rights, and on the verge of…
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) October 1, 2024
Mallikarjun Kharge: सत्ता के नशे में चूर मोदी सरकार ने कायरतापूर्ण कार्रवाई है। मोदी सरकार अपने मित्रों को लाभ पहुंचाना चाह रहे हैं। यह घटना हमें बताती है कि मोदी सरकार के खिलाफ हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
The arrogance of the Modi Govt consumed in power has detained a group of citizens from Ladakh peacefully marching to Delhi. This is nothing but a cowardly action, and is deeply undemocratic in nature.
In Ladakh, there is a growing wave of public support, with widespread calls…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 1, 2024
कांग्रेस की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर ने कहा, “मुझे तथ्य नहीं पता। मुझे तथ्यों की जांच करनी होगी।”
Ravishankar Prasad: अगर राहुल गांधी को कोई टिप्पणी करनी है, तो कोलकाता में कार्टूनिस्टों को उठाए जाने और तमिलनाडु में व्यंग्यकार को जेल में डाले जाने पर वह क्यों चुप्पी साधे रहते हैं। वांगचुक की हिरासत पर कांग्रेस नेता की प्रतिक्रिया चरम पाखंड है।
Manish Sisodiya: दिल्ली, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सभी की है। आप लोगों को सीमा में प्रवेश करने से नहीं रोक सकते। भाजपा सरकार धीरे-धीरे देश के हर राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फॉर्मूले पर काम कर रही है। Sonam Wangchuk जो आवाज उठा रहे थे, वह खतरे के खिलाफ आवाज थी। वांगचुक ने आपको क्या नुकसान पहुंचाया है? आप आवाज को दबा नहीं सकते। आज हर कोई देख रहा है कि केंद्र सरकार क्या कर रही है।
Atishi: लद्दाख के लोग राज्य का दर्जा चाहते हैं। Sonam wangchuk और लद्दाख के लोग, जो बापू की समाधि पर जा रहे थे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने मुझे सोनम वांगचुक से मिलने नहीं दिया। यह भाजपा की तानाशाही है। हम सोनम वांगचुक का पूरा समर्थन करते हैं।
सोनम वांगचुक और हमारे 150 लद्दाखी भाई-बहन शांतिपूर्ण तरीक़े से दिल्ली आ रहे थे। उनको पुलिस ने रोक लिया है। कल रात से बवाना थाने में क़ैद हैं।
क्या लद्दाख के लोकतांत्रिक अधिकार माँगना ग़लत है? क्या 2 अक्तूबर को सत्याग्रहियों का गांधी समाधि जाना ग़लत है?
सोनम वांगचुक जी को रोकना… https://t.co/Nr9LVoiM7a
— Atishi (@AtishiAAP) October 1, 2024