किसानों को दिल्ली में झोली फैलाकर अपना अधिकार माँगना पड़ रहा है। 2 साल पहले मोदी सरकार ने MSP कानून बनाने की बात कही थी।
मोदी जी को फिल्म देखने की फुर्सत है तो Kisano से मिलने की क्यों नहीं ? क्या मोदीजी देश के किसानों के लुटने के बाद उन्हें राहत देंगे। कांग्रेस ने माँग की कि इसी संसद सत्र में MSP का कानून लाया जाए। ये सब करने की जगह संसद में सरकार सिर्फ झूठ बोल रही है ।
मोदी सरकार ने आज दो बातें और संसद के पटल पर कही। कृषि मंत्री Shivraj Singh Chouhan से सवाल पूछा गया। वो MSP की गारंटी का कानून बनाएंगे या नहीं?तो वे सरेआम उसे टाल गए। Farmers को कर्ज से राहत के सवाल को भी टाल दिया। मीडिया से बात करते हुए Congress के नेता Randeep Surjewala ने ये बातें कही।
कांग्रेस ने Press Conference कर Modi सरकार द्वारा बोले गए पाँच झूठों को गिनवाया। ये झूठ Kisano को लेकर संसद में बोले गए।
उन्होंने बताया कि झूठ नंबर 1 यह है –
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में कहा कि
मोदी सरकार सब फसलें MSP पर खरीदती है।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह झूठ है।
कृषि मंत्री पर दूसरा आरोप
लागत पर 50 परसेंट मुनाफ़ा दिया जा रहा है।
कांग्रेस ने इसे भी झूठ बताते हुए कहा कि 6 फरवरी 2015 को इसी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को शपथ पत्र दिया था। और कहा था कि Kisano को पचास परसेंट मुनाफ़ा देने पर मार्केट डिस्टॉर्ट हो जायेगा।
चौथा आरोप
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में कहा कि MSP लागत से 50 प्रतिशत मुनाफे पर नहीं बल्कि 100-200 परसेंट ज्यादा मुनाफे पर दिया जाता है।
सूरजेवाला ने कहा कि जबकि असलियत कुछ और है। BJP शासित राज्यों ने Agriculture Cost एंड Price Commission को लिखकर दिया है। कि जो कर निर्धारित किया जा रहा है, उनके राज्यों में अलग-अलग फसलों की लागत 100%-200% तक कम है।
महाराष्ट्र में यह 4461 रुपया गेंहू प्रति क्विंटल,
गुजरात में4050 प्रति क्विंटल गेँहू हैं।
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कृषि मंत्री ने कहा कि MSP बढ़ाई है,जोकि 80 प्रतिशत तक है। सुरजेवाला ने बताया कि INFLATION 7 परसेंट है और फूड इंफ्लेशन 14 प्रसेंट है।
आखिरी झूठ के तौर पर उन्होंने बताया कि
सोयाबीन, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में 4892 MSP है।
लेकिन दोनो राज्यों में इससे कम रेट पर बिक रही है।
मोदी जी ने कहा कि सरकार बनने पर 6000 में खरीदेंगे।
देश के किसान को मणिपुर के हालत में मत पहुंचाइये।
Kisano के रास्ते में कील और दीवारें क्यों खड़ी कि जा रही हैं।
क्या किसान उग्रवादी है? नक्सलवादी है? अपराधी है? वो दिल्ली आकर अपनी सरकार और अपने PM से क्यों नहीं मिल सकता ? देश के PM किसानों से मिलने से गुरेज क्यों?
MSP कब मिलेगा?
अगर कॉर्पोरेट टैक्स 32% से 22%, 15% तक कम करके सालाना 3 लाख करोड़ कंपनियों को दिया जा सकता है। 17 लाख करोड़ बैंक का पैसा बट्टे खाते में डाला जा सकता है। तो किसान का 2-3 लाख करोड़ का कर्ज माफ क्यों नहीं हो सकता।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस किसानों की इस जायज माँग के साथ खड़ी है। किसानों को आँसू गैस, कीलें, और लाठियाँ नहीं चाहिए।
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