डॉक्टरों ने कहा कि Jagjit Singh Dallewal के शरीर में बस हड्डियां बचीं, किसी भी वक्त साइलेंट अटैक आ सकता है। अनशन टूटने के बाद भी पूरा स्वस्थ होना मुश्किल।
Jagjit Singh Dallewal के अनशन को 41 दिन हो गए हैं। डल्लेवाल हरियाणा-पंजाब की खनौरी बॉर्डर पर आमरण-अनशन पर बैठे हैं। उनकी हालत गंभीर है। शरीर में अब केवल हड्डियां रह गई हैं। किडनी-लीवर, फेफड़ों में खराबी आ चुकी है। साइलेंट अटैक आने की संभावना बढ़ गई है। यह बातें दैनिक भास्कर से बातचीत में प्राइवेट डॉक्टर ने की। डॉक्टर अवतार सिंह की टीम डल्लेवाल की देखरेख कर रही है।
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जब 70 साल का बजुर्ग 36 दिनों से बिनाकुछ खाए हमारे लिए मरण व्रत पर बैठा हो 🙏🏻#JagjitSinghDallewal pic.twitter.com/0vzieCio9m
— Pankaj phogat 🇮🇳 (@Pankajphogat01) December 31, 2024
डॉ अवतार सिंह के अनुसार अगर Dallewal अनशन खत्म करते भी हैं तो भी उनका शरीर पहले की तरह नहीं हो पाएगा।उनके बॉडी पार्ट्स भी सौ प्रतिशत काम नहीं कर पाएंगे।
डॉक्टरों की टीम कैसे कर रही है Dallewal की देखभाल
डॉक्टरों की टीम शुरुआत से ही यहाँ पर है। 26 नवंबर को उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। उनके 1 दिसंबर को वापिस लौटने के बाद से उनका रेगुलर चेकप हो रहा है। हर 6 घंटे में उनकी मेडिकल जांच करते हैं। उनका वजन जांचते हैं। 12 किलो वजन कम होने तक तो डॉक्टरों ने उनका वजन चेक कर पाया। लेकिन अब की सही से खड़े नहीं हो पा रहे हैं। इसके बाद से वजन नहीं कर पा रहे हैं।
Dallewal के चालीस दिन से आमरण अनशन पर होने से उनका कीटोन लेवल बहुत बढ़ गया है। इसका मतलब है कि शरीर अब शरीर को खाने लगा है। दरअसल इंसान अगर 7 दिन बिना कुछ खाये-पिए रहे। तो बॉडी शरीर का फैट खाने लगती है। फैट के खत्म होने के बाद शरीर मसल मास को खाना शुरू कर देता है। अब डल्लेवाल का मसल मास टूटने लगा है। उनकी हालत ऐसी है जैसे अब बस हड्डियां बची हों।
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इसी कारण अनशन टूटने के बाद भी उनका शरीर रिकवरी नहीं कर पायेगा। 70 साल के हो जाने के कारण,उनकी उम्र ज्यादा है।
उनकी किडनी में क्रिएटिनिन भी बढ़ रहा है। खून साफ़ करने की क्षमता भी घटने लगी है। इसका कारण ग्लोमेरूलर फिल्ट्रेशन रेट यानि कि GFR का घट जाना है। लिवर के टेस्ट करने पर भी खराबी सामने आ रही है। यह मल्टी ऑर्गन फेलियर के चांस भी बढ़ रहे हैं।