
भोपाल और इंदौर में पांच धार्मिक त्योहारों पर बंद रहेंगी मांस की दुकानें
भोपाल: मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल और सबसे अधिक आबादी वाले शहर इंदौर में पांच प्रमुख धार्मिक त्योहारों के दौरान मांस की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित नगर निगमों ने गुढ़ी पड़वा और चैती चांद (30 मार्च), राम नवमी (6 अप्रैल), महावीर जयंती (10 अप्रैल) और बुद्ध पूर्णिमा (12 मई) के दिन मांस की बिक्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
मैहर में नवरात्रि के पूरे नौ दिन मांस और अंडे की बिक्री पर प्रतिबंध
पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार्मिक शहर मैहर में जिला प्रशासन ने चैत्र नवरात्रि के दौरान 30 मार्च से 7 अप्रैल तक मांस, मछली, चिकन और अंडे की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है।
इंदौर में नौ दिन की बंदी की मांग
हालांकि, इंदौर नगर निगम ने केवल चार दिन मांस की दुकानें बंद रखने का आदेश दिया है, लेकिन हिंदू राष्ट्र संगठन (HRS) ने पूरे नौ दिनों तक मांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है। संगठन के प्रमुख राजेश शिरोडकर ने कहा,
“हम पहले निवेदन करते हैं और फिर कार्रवाई। हमारे कार्यकर्ता पूरे इंदौर में मांस की दुकानों पर नजर रखेंगे और यदि कोई दुकान खुली मिली तो उसे जबरन बंद करवाया जाएगा।”
Madhya Pradesh भाजपा नेताओं का समर्थन
प्रदेश (Madhya Pradesh) के कई भाजपा विधायकों ने भी नवरात्रि के दौरान राज्यभर में नौ दिनों तक मांस की दुकानें बंद रखने का समर्थन किया है। इनमें लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, जबलपुर उत्तर से पहली बार चुने गए विधायक अभिलाष पांडे, और भोपाल के हुजूर विधानसभा से विधायक रमेश्वर शर्मा शामिल हैं।
Madhya Pradesh कांग्रेस का सवाल: बड़े रेस्तरां को छूट क्यों?
इंदौर में इस आंशिक प्रतिबंध को लेकर कांग्रेस नेता सच सलूजा ने सवाल उठाया,
“अगर छोटे दुकानदारों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है तो फिर केएफसी और मैकडोनाल्ड्स जैसे बड़े ब्रांड्स को छूट क्यों दी गई? क्या नियम केवल छोटे व्यवसायियों के लिए हैं?”
दमोह में हिंदू संगठनों का विरोध, CMO पर हमला
इस बीच, दमोह शहर में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने नगर पालिका के मुख्य अधिकारी (CMO) प्रदीप शर्मा का चेहरा काला कर दिया। यह घटना तब हुई जब नगरपालिका कर्मियों ने उन्हें शहर के प्रसिद्ध घड़ी टावर पर भगवा झंडा लगाने से रोका।
इस घटना को लेकर जिला प्रशासन ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। दमोह जिला कलेक्टर सुधीर कोचर ने कहा,
“हम पूरी घटना की गहराई से जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
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सरकारी आदेश का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
भोपाल और इंदौर नगर निगमों ने स्पष्ट किया है कि आदेश का उल्लंघन करने पर दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है।
यह प्रतिबंध धार्मिक आस्था और परंपराओं को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है, लेकिन इसे लेकर Madhya Pradesh में विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।