
न्यायमूर्ति वर्मा को अस्थायी रूप से कोई कार्य नहीं सौंपा जाएगा: सुप्रीम कोर्ट
न्यायमूर्ति वर्मा को अस्थायी रूप से कोई कार्य नहीं सौंपा जाएगा: सुप्रीम कोर्ट
Delhi High Court के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर 14 मार्च को आग लगने की घटना के दौरान नकदी मिलने की पुष्टि करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट की आंतरिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की।
रिपोर्ट के अनुसार, Delhi High Court के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने 21 मार्च को न्यायमूर्ति वर्मा को पत्र लिखकर उनके आवास के एक कमरे में मिली नकदी के स्रोत की जानकारी मांगी।
वीडियो और तस्वीरों के आधार पर जांच
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़े वीडियो और तस्वीरें भी साझा कीं, जो कथित रूप से दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय को भेजी थीं। वीडियो में दमकल कर्मी को प्लास्टिक की थैलियों में आधे जले हुए नोटों को निकालते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में एक आवाज सुनाई देती है, “महात्मा गांधी में आग लग गई,” जो नोटों पर बनी गांधी जी की तस्वीर की ओर इशारा कर रही थी।
Video of the cash pile at Justice Yashwant Varma’s residence. Delhi Police submits video of the cash pile, Supreme Court makes the video public. Justice Varma has said he has no knowledge of any such cash:#SupremeCourt #verma #cash pic.twitter.com/gUzJjqSj4X
— fenkmat (@fenkmat) March 23, 2025
ऐसा माना जा रहा है कि रिपोर्ट सार्वजनिक करने से पहले मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के वरिष्ठ सदस्य को इस निर्णय की जानकारी दी थी।
न्यायमूर्ति वर्मा का आधिकारिक जवाब
न्यायमूर्ति वर्मा ने मुख्य न्यायाधीश को भेजे अपने आधिकारिक जवाब में इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने लिखा, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि यह ध्यान दिया जाए कि जिस हिस्से में हम परिवार के साथ रहते हैं, वहां से कोई नकदी बरामद नहीं हुई।”
सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन
यह रिपोर्ट उस समय सामने आई है जब भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का निर्णय लिया।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि Delhi High Court के मुख्य न्यायाधीश को फिलहाल न्यायमूर्ति वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
बयान में कहा गया है, “भारत के मुख्य न्यायाधीश ने Delhi High Court के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायाधीश सुश्री अनु शिवरामन शामिल हैं।”
SC’s press release pic.twitter.com/5KtvM1KekN
— fenkmat (@fenkmat) March 23, 2025
रिपोर्ट और दस्तावेज़ सार्वजनिक किए गए
इस रिपोर्ट के साथ ही न्यायमूर्ति वर्मा का जवाब और अन्य संबंधित दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, शुक्रवार को के मुख्य न्यायाधीश ने इस घटना पर आधारित तथ्यान्वेषी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को सौंपी थी।
न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण प्रस्तावित
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति वर्मा को उनके मूल हाईकोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी। यह स्थानांतरण 14 मार्च को उनके आवास पर आग लगने के दौरान नकदी मिलने की घटना के मद्देनजर किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, इस घटना का वीडियो देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से उनके स्थानांतरण की अनुशंसा की।
Rahul Gandhi Speech on Constitution in Parliament
सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री द्वारा जारी बयान में कहा गया कि न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण “Delhi High Court के मुख्य न्यायाधीश द्वारा शुरू की गई इन-हाउस जांच प्रक्रिया से पूरी तरह स्वतंत्र और अलग है।”
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी “गलत सूचना और अफवाहों” पर भी चिंता जताई और स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की रिपोर्ट की विस्तृत समीक्षा की जाएगी और आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे। रिपोर्ट को शुक्रवार देर रात सीजेआई को सौंप दिया गया था।