
आगामी हफ्तों में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के बीच वर्चुअल बैठकें शुरू होंगी
नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार (Trade) समझौते (BTA) को लेकर चार दिवसीय वार्ता शनिवार को संपन्न हुई। दोनों देशों ने व्यापार समझौते के अगले चरण की रूपरेखा पर “व्यापक रूप से” सहमति जताई है। हालांकि, 2 अप्रैल से लागू होने वाले अमेरिका के पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariffs) का खतरा बना हुआ है।
वाणिज्य विभाग के आधिकारिक बयान के अनुसार, आगामी हफ्तों में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के बीच वर्चुअल बैठकें शुरू होंगी। इन चर्चाओं के माध्यम से व्यापार (Trade) समझौते के मुख्य बिंदुओं को अंतिम रूप देने के लिए एक प्रत्यक्ष ‘प्रारंभिक वार्ता’ आयोजित करने की योजना है।
व्यापार (Trade) समझौते को लेकर भारत-अमेरिका की चर्चाएं
वाणिज्य विभाग ने बताया कि आगामी चरण की वार्ताओं में बाज़ार पहुंच को बढ़ाने, शुल्क और गैर-शुल्कीय बाधाओं को कम करने तथा आपूर्ति श्रृंखला को गहराई से एकीकृत करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की जाएगी। दोनों पक्षों ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया।
Foreign Secretary @VikramMisri spoke with U.S. @DeputySecState Christopher Landau.
They spoke about the deepening convergence of India-U.S. strategic interests & touched on the growing bilateral trade, defence & technology cooperation & issues relating to mobility and…
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) March 28, 2025
अमेरिकी वार्ता दल और समझौते का भविष्य
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) के दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के सहायक प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक अमेरिकी सरकारी दल 25 से 29 मार्च तक भारत में वार्ता के लिए मौजूद था। इस दौरान उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। लिंच इस व्यापार समझौते के मुख्य वार्ताकार भी हैं। दोनों देशों की योजना 2025 के अंत तक इस समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने की है।
हालांकि, चार दिनों की सीमित अवधि और दोनों देशों की संवेदनशीलताओं के कारण समझौते के सभी पहलुओं को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को ‘उच्च-शुल्क वाला देश’ कहा था, और वाशिंगटन ने भारत पर कृषि क्षेत्र सहित कई सेक्टर्स में शुल्क घटाने का दबाव डाला है। यह भारत के लिए संवेदनशील मुद्दा है, जिस पर जल्द ही भारत का वाणिज्य विभाग विभिन्न मंत्रालयों के साथ आंतरिक चर्चा करेगा।
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पहले चरण के व्यापार (Trade) समझौते का मुख्य फोकस वस्तुओं और डिजिटल सेवाओं के व्यापार को आसान बनाना रहेगा। हालांकि, वार्ता के दौरान सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की गई। भारत और अमेरिका दोनों इस समझौते को व्यापार (Trade) संबंधों को और अधिक मजबूत करने के अवसर के रूप में देख रहे हैं।