Vidisha शहर में बिजली बिल न भरने वाले उपभोक्ताओं की लिस्ट सार्वजनिक स्थान पर टांग दी गयी है। जिसमें लाखों रुपये वाले बकायादारों की सूची है।
Vidisha के बिजली विभाग को बकायादारों से बिल वसूलने में नये-नये तरीके अपनाने पड़ रहे हैं। यह स्थिति लगभग पूरे प्रदेश की ही है। विदिशा के बिजली विभाग ने बिल के बकायादारों की लिस्ट टांग दी है। यह लिस्ट सार्वजनिक स्थान माधवगंज चौक पर टाँगी है। इस लिस्ट में उन उपभोक्ताओं के नाम हैं जिनका बकाया बिल लाखों में है।
प्रदेश भर में हो रही है कार्यवाही
हालाँकि Vidisha के साथ कंपनी बिजली बिल की रिकवरी के लिए पूरे प्रदेश में ही परेशान है। Bhopal, भिंड, ग्वालियर, बैतूल में भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
बिल की रिकवरी में मिलेगी मदद
बिजली विभाग को उम्मीद है कि सार्वजनिक तौर पर नाम उजागर होने पर बकायादार शर्म के कारण अपना बिल भर देंगे।
मनमाना बिल वसूलती है बिजली कंपनी
एक बिजली बकायादार ने पहचान उजागर न होने की शर्त पर कहा है कि ” बिजली विभाग वाले लोग मनमाना बिल थमा देते हैं।” विभाग की लापरवाही के ऐसे कई मामले सामने आते हैं । जिनमें कम खपत वाले बिजली उपभोक्ताओं के घर लाखों का बिजली बिल भेज दिया जाता है।
क्या इस तरह सार्वजनिक बेइज्जती करना सही है?
भारत में बिजली बिल की रिकवरी के लिए बिजली अधिनियम के तहत प्रावधान हैं। ऐसे में बिजली विभाग की यह कार्यवाही सवालिया निशान खड़े करती है। बकायादारों से बिजली बिल की रिकवरी के लिए ऐसी कार्यवाही सही है? क्या एक निजी बिजली कंपनी को ऐसी कार्यवाही करने का अधिकार है?
बिजली बिल चोरी को लेकर क्या हैं कानूनी प्रावधान
बिजली से जुड़े अपराध में विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 135 और 138 के तहत मामले दर्ज किये जाते हैं। बिजली चोरी के मामले में धारा 138 और मीटर से छेड़छाड़ के केस में धारा 138 के तहत मामले दर्ज होते हैं।