महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार का शोर थम चुका है। इस बार महाराष्ट्र के चुनाव में कुछ नारे देशभर में चर्चा का विषय बना। क्या ये नारे तय कर पाएंगे महाराष्ट्र का भविष्य?
Maharashtra में पिछले 5 सालों में राजनीतिक तौर पर काफी उठा पटक हुई। इस दौरान कई राजनीतिक दाँव-पेंच खेले गए। इस कार्यकाल में 2 मुख्यमंत्रियों उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे ने सरकार चलाई। रोचक बात यह है कि दोनों मुख्यमंत्री शिवसेना से ही रहे हैं। लेकिन दोनों ने ही अलग-अलग गठबंधन के साथ सरकार बनाई। शुरुआत में जिस शिवसेना ने बीजेपी से रिश्ता तोड़कर कांग्रेस, एनसीपी से गठबंधन किया। यह विपरीत विचारधाराओं वाली पार्टियों की गठबंधन सरकार बनी थी। लेकिन गौर करने वाली बात है कि उसी शिवसेना में विचारधाराओं को लेकर दो फाड़ हुआ। इस दो फाड़ की परिणति यह हुई की फिर से शिवसेना भाजपा का गठबंधन हुआ। इस गठबंधन की सहयोगी वह पार्टी भी बनी जिससे विचारधारा न मिलने के मुद्दे ने ही शिवसेना को दो धड़ों में बाँट दिया था।
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ये नारे रहे trend में
राजनीतिक रूप से नारों की अहमियत हमेशा रही है। चाहे जय जवान जय किसान हो या फिर बात करें गरीबी हटाओ की। India Shining का नारा रहा हो या Abki Bar Modi Sarkar। शुरुआत से ही नारों ने राजनीतिक माहौल को गर्म करने का काम किया है। माहौल बनाने के साथ इन नारों ने जनता को पार्टी से जोड़ने का काम किया है। हालांकि कई बार नारों के लोकप्रिय होने के बाद भी राजनीतिक पार्टियों को मुँह की खानी पड़ी है। इण्डिया शाइनिंग का नारा इसका सबसे बड़ा उदहारण है। जब यह नारा दिया गया तब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी।
आज जो नारे Maharashtra और झारखण्ड चुनाव के दौरान ट्रेंड में रहे ये नारे कुछ अलग भी हैं। एक नारा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया – बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे। यह नारा योगी आगरा के एक कार्यक्रम में दिया, लेकिन यह परवान चढ़ा महाराष्ट्र चुनाव में।
बंटेंगे तो कटेंगे…
एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे… pic.twitter.com/Ey4QzpFSRY
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 26, 2024
और दूसरा नारा दिया देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने – एक हैं तो सेफ हैं। हालाँकि प्रधानमंत्री का नारा योगी आदित्यनाथ के नारे का सुधरा हुआ रूप मात्र है।
कांग्रेस लोगों को जातियों में बांटना चाहती है, इसलिए हम एक रहेंगे, तो सेफ रहेंगे। pic.twitter.com/mkpMmuYU5U
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2024
गौरतलब है कि इस बार जो नारे Maharashtra और झारखण्ड चुनाव के दौरान ट्रेंड में रहे उनमें पुराने नारों की तरह विकास की बात नहीं थी। बल्कि इसमें डर और चिंता की बात थी। खैर २३ नवम्बर को आने वाले चुनाव परिणामों में साफ़ हो जायेगा कि जनता के बीच में किसके नारों का जोर चला। और यह भी समझ बन पायेगी कि जनता कैसे नारों और विचारों को पसंद कर रही है।
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