
'संविधान रक्षक अभियान ' कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए Mallikarjun Kharge
Mallikarjun Kharge ने बैलट पेपर से चुनाव कराये जाने को लेकर भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर अभियान चलाने का आह्वान किया है।
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस द्वारा आयोजित ‘ संविधान रक्षक अभियान ‘ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘हमें EVM नहीं चाहिए, हमें Ballot Paper चाहिए’।
Congress अध्यक्ष का बयान उस समय आया है, जब सुप्रीम कोर्ट (SC) ने इसी विषय पर लगी याचिका को आज खारिज कर दिया है। यह याचिका Haryana विधानसभा चुनाव के दौरान EVM में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर याचिका लगाई थी। जिसमें देशभर में ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराये जाने की मांग की गयी थी। इस मांग का आधार हरियाणा कांग्रेस द्वारा Election Commission को लिखा गया पत्र था। जिसमें ईवीएम का हवाला दिया गया था। और 20 निर्वाचन क्षेत्रों की सूची दी गयी थी। जहाँ Counting के दौरान ईवीएम के बारे में लिखित और मौखिक शिकायतें दर्ज कराई थीं।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी ईवीएम के बारे में चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि “जिस देश में परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक हो जाते हैं, क्या हम मशीनों पर आँख मूंदकर भरोसा कर सकते हैं?
खड़गे ने कई मौकों पर जताई है EVM पर चिंता
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस अध्यक्ष ने ईवीएम को लेकर इस तरह का गंभीर बयान दिया हो। इससे पहले भी मल्लिकार्जुन खड़गे ने ईवीएम पर सवाल उठाये हैं। हरियाणा में चुनाव आयोग से मतगणना में गड़बड़ी की शिकायत के मौके पर भी खड़गे ने कड़े तेवर दिखाए थे। एक कार्यक्रम में अमेरिकी बिजनेस का हवाला देकर भी ईवीएम पर सवाल उठाये थे।
विपक्षी पार्टियों से भी माँगा समर्थन
खड़गे ने राहुल गाँधी को संबोधित करते हुए भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर बैलट पेपर से चुनाव कराने को लेकर देशभर में जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया है। इस अभियान में उन्होंने विपक्षी पार्टियों से भी इस मुद्दे पर समर्थन माँगा है।
लाईव : संविधान रक्षक अभियान
📍नई दिल्ली
— Mallikarjun Kharge (@kharge) November 26, 2024
कितनी सार्थक है ये बहस
2014 के बाद से ही लगातार हर चुनाव में कांग्रेस की ओर से देर-सवेर EVM में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया गया है। लेकिन चुनाव आयोग ने हर बार ही इन आरोपों को नकार दिया है। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी कई याचिकाओं को खारिज किया जा चुका है। आखिर क्या कारण है एवं को साजिश बताने वाली कांग्रेस या अन्य विपक्षी पार्टियाँ अभी तक इस मुद्दे को लेकर ठोस सबूत नहीं दे पाई हैं। कांग्रेस पार्टी में देश के जाने माने सीनियर वकील हैं । पार्टी से जुड़े हुए तकनीकी विशेषज्ञ हैं।
कांग्रेस सरकार में प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे सैम पित्रोदा जैसा बड़ा नाम है। पित्रोदा जोकि Indian Overseas Congress के अध्यक्ष हैं। क्या उन्हें विदेशों में भी आज तक EVM के मुद्दे पर कोई तकनीकी एक्सपर्ट नहीं मिला? या फिर कांग्रेस में चुनाव हारने के बाद ईवीएम पर ठीकरा फोड़ने की परम्परा बन चुकी है। क्या सच में जागरूकता अभियान की जरूरत है या तकनीकी रूप से सक्षम विशेषज्ञों की, जो ईवीएम की खामियां कोर्ट और चुनाव आयोग के सामने रख सके।
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